औरत खुदा की बड़ी बड़ी नेमतों में से एक बहुत बड़ी नेमत है।
औरत दुनिया की आबादकारी और दीन दारी मैं मर्दों के साथ तकरीबन बराबर की शरीक है।
औरत मर्द के दिल का सुकून रूह की राहत ज़हन का इत्मीनान बदन का चैन है।
औरत दुनिया के खूबसूरत चेहरे की एक अगर औरत नहीं होती तो दुनिया की सूरत कानी होती।
औरत आदम अलैहिस्सलाम और हजरत हवा के सिवा तमाम इंसानों की मां है इसलिए वह काबिले है एहतराम है।
औरत का वजूद इंसानी तमद् दुन के लिए बेहद जरूरी अगर औरत ना होती तो मर्दों की जिंदगी जंगली जानवरों से बदतर होती।
औरत बचपन में भाई बहनों से मोहब्बत करती है, शादी के बाद शोहर से मोहब्बत करती है, मां बनकर अपनी औलाद से मोहब्बत करती है ।
औरत अपने वालीदैन के लिए रहमत है, बीवी बनने के बाद अपने शोहर का लिबास है और आधा दीन मुकम्मल करती है नजरों की हिफाजत करती है, मां बनने के बाद उसके कदमों के नीचे जन्नत होती है इसलिए औरत दुनिया में प्यार मोहब्बत का एक ताजमहल है।
___________________________________
औरत दुनिया की आबादकारी और दीन दारी मैं मर्दों के साथ तकरीबन बराबर की शरीक है।
औरत मर्द के दिल का सुकून रूह की राहत ज़हन का इत्मीनान बदन का चैन है।
औरत दुनिया के खूबसूरत चेहरे की एक अगर औरत नहीं होती तो दुनिया की सूरत कानी होती।
औरत आदम अलैहिस्सलाम और हजरत हवा के सिवा तमाम इंसानों की मां है इसलिए वह काबिले है एहतराम है।
औरत का वजूद इंसानी तमद् दुन के लिए बेहद जरूरी अगर औरत ना होती तो मर्दों की जिंदगी जंगली जानवरों से बदतर होती।
औरत बचपन में भाई बहनों से मोहब्बत करती है, शादी के बाद शोहर से मोहब्बत करती है, मां बनकर अपनी औलाद से मोहब्बत करती है ।
औरत अपने वालीदैन के लिए रहमत है, बीवी बनने के बाद अपने शोहर का लिबास है और आधा दीन मुकम्मल करती है नजरों की हिफाजत करती है, मां बनने के बाद उसके कदमों के नीचे जन्नत होती है इसलिए औरत दुनिया में प्यार मोहब्बत का एक ताजमहल है।
___________________________________
🖌पोस्ट क्रेडिट - शाकिर अली बरेलवी रज़वी व अह्-लिया मोहतरमा

Post a Comment